आओ बनाएँ स्वर्ग से सुंदर धरा जिसमें रहे आदमी बनकर खरा। आओ बनाएँ स्वर्ग से सुंदर धरा जिसमें रहे आदमी बनकर खरा।
अपनी मिट्टी से हमको फ़ौलाद बनाया धरा के जल से लहू को हमारे तेजाब बनाया अपनी मिट्टी से हमको फ़ौलाद बनाया धरा के जल से लहू को हमारे तेजाब बनाया
मुझे नहीं पता कि मैं कितना सीखता हूं सीधे अनुपात मुस्कुराते रहो,सब कुछ संभव है, दूसर मुझे नहीं पता कि मैं कितना सीखता हूं सीधे अनुपात मुस्कुराते रहो,सब कुछ संभ...
हर एक को किसी न किसी चींज की तलाश होती है मुझे भी है हर एक को किसी न किसी चींज की तलाश होती है मुझे भी है
कल जो थे, भूले बिसरे। याद फिर से करते हैं। कह रहा हूं............। कल जो थे, भूले बिसरे। याद फिर से करते हैं। कह रहा हूं............।
कहां पड़ा है प्रमाद में, आगे बढ़ना सीख। देश के खातिर, जीना मरना सीखा। कहां पड़ा है प्रमाद में, आगे बढ़ना सीख। देश के खातिर, जीना मरना सीखा।